Distributed Leger Technology In Hindi-DLT क्या है?
Distributed Ledger technology एक तरह का data recording सिस्टम है, जिसमे किसी भी तरह के assets के transaction को एक ही समय में Multiple database में स्टोर कर सकते है। Traditional database में transaction का data centralized लोकेशन पर (एक ही जगह पर) स्टोर किया था। आइये जानते है-Distributed Leger Technology In Hindi के इस article के माध्यम से
Distributed Ledger technology में Decentralized location पर data को store कर सकते है। जिसे nodes भी कहा जाता है, ये nodes हर 10 मिनट में अपने आप update होते रहते है, जिससे data को चाह कर भी बदलने पर सारे nodes के sequence बदल जाते है, जिससे एक नए node का निर्माण हो जाता है।
Full form of DLT
Distributed ledger technology
DLT Full form in Hindi
वितरित खाताबही तकनीक
What is Distributed Ledger Technology in Hindi
Distributed ledger technology (DLT) ख़ास तौर पर तकनिकी रूप से डाटा को simultaneously access और validate कर सकते है।
DLT data को store और उसे multiple location पर secure करने के लिए Cryptographic method का use करता है, जिससे एक Immutable database का निर्माण होता है, एक बार data store हो जाने के बाद ये उसे delete नहीं किया जा सकता है।
DLT का use static data को स्टोर करने के लिए land registry, और dynamic data को स्टोर करने Financial transactions जैसे data का इस्तेमाल कर सकते है।
Block chain Distributed ledger technology का एक famous example है।
DLT architecture represent करते है की किस तरह information एकत्रित और communicate कर decentralized location पर store की गई है, ताकि इसे कोई भी Data store करते समय modification आसानी से कर ले,और पूर्ण रूप से प्रदर्शित रहे।
Distributed ledger technology एक transparent technology है, जिस पर पूरी तरह से भरोसा किया जा सकता है,और ledger में किसी भी प्रकार की fraudulent activities से बचा जा सकता है।
जिस तरह DLT एक Trustworthy technology जिसमे ledger को किसी centralized location पर रख उसे control किया जा सकता है, किसी भी third party provider की हलचल से पूरी technology पर असर पड़ता है, इस technology से Government भी अपने Data को secure कर सकती है।
Origin of Ledger in Hindi
Ledger एक प्रकार record book है, जिसमे data के लेन-देन को को रजिस्टर या कॉपी में किया जाता था, 20वीं century के अंत में कंप्यूटर के उदय के साथ Ledger को digital यानि computer पर किया जाने लगा।
आज भी हर transaction के data को validation तौर पर किसी central authority की जरुरत पड़ती है, example- Bank, financial transaction के लिए।
21st century की technology में cryptographic और advance algorithm के मजबूत और निकट-सर्वव्यापी computation power के साथ record-keeping दो कदम आगे हो चुकी है, जिससे distributed ledger तेजी से फ़ैल रहा है।
यह प्रगती ऐसे समय में हुई है, जब इस तरह की टेक्नोलॉजी की बहुत जरुरत है, economic activities में हमेशा कई participants शामिल होते है, commerce हमेशा कई jurisdictions और border को cross कर गया है।
परन्तु modern time में भी business network में और अधिक competition आ गया है, जिनमे record-keeping और business network की अलग-अलग मांग को पूरा करने और उन्हें satisfy कर पाना मुश्किल हो गया है। इसकी वजह से Ledger making technology महंगा हो चुका है, और इसेक साथ ही Error, Computer hacking , manipulation और tempering भी अधिक बढ़ गयी है।
Examples of distributed ledger technology
Ledger technology के विभिन्न प्रकार से उपयोग है-
Block chain जो कई सारी bocks की chain है, जिनमे Data को network के nodes पर transaction को broadcast किया जाता है, Block chain DLT का best example है। bitcoin और दूसरी cryptocurrencies इसी टेक्नोलॉजी पर काम करती है।
Tangle एक अन्य प्रकार का DLT है, जिसे Eclipse और IOTA foundation द्वारा Create किया है, Tangle IoT, Ecosystem की तरफ अग्रसर है। Tangle एक बेकार permission less scalable distributed ledger technology है, जिसे Humans और machine के बीच trustworthy Data को transfer करने के लिए design किया था।
अन्य DLT technologies जिसमे Corda , Ethereum और Hyper ledger fabric शामिल है।
Why DLT Important-DLT महत्वपूर्ण क्यों है?
- Distributed ledger technology record-keeping टेक्नोलॉजी में भारी सुधर ला सकता है। जैसे- companies और organization अपने Ledger को share कर सकते है।
- ऐसी प्रणाली में organizations को centralized control बनाये रखने के लिए advance computing system और operators को प्रतिबध करे, इसके अलावा centralized control का मतलब की लेजर हमेशा कम्पलीट और up to date रखे।
- DLT किसी भी प्रकार के error और की हेर फेर से प्रभावित हो सकती है, इससे Ledger में मौजूद data बदल सकता है, DLT ऐसा होने से रोकता है।
- हालाँकि DLT एक real-time data sharing की अनुमति देता है, जिसका अर्थ है, की ledger हमेशा updated रहता है।
- Transparency के हिसाब से DLT में Data को change करने पर हर node में changes देखे जा सकते है।
- DLT एकदम सुरक्षित है क्योकि जो हैकर और फेलियर के 1% पहुंच से दूर रहता है।
- डिस्ट्रिब्यूटेड लेड़गेर टेक्नोलॉजी फ़ास्ट ट्रांसक्शन के लिए जाना जाता है क्योकि इसमें किसी भी प्रकार के मीडिएटर को हटाकर डायरेक्ट डील होता है, DLT में की भी तरह का ट्रांसक्शन शुल्क शामिल नहीं है
Distributed Ledger benefits in Hindi-DLT के फायदे
- Data transparency और visibility से Ledger विश्वशनीय हो जायेगा
- दलत एक lower operation cost है, जिसमे central authority को eliminate किया जा सकता है।
- Faster transaction speed
- Fraud और risk free है, जिससे cyber crime को कम किया जा सकता है।
- Higher level की security प्रदान करता है।
DLT का उपयोग – distributed Ledger technology use in Hindi
Distributed ledger technology का इस्तेमाल कई sectors में कर सकते है जैसे-
- Banking और Finance sectors में DLT का use कर transaction को centralized कर सकते है, इसका प्रमाण bitcoin और अन्य cryptocurrency में देखा जा चुका है।
- Real state के transactions की प्रक्रिया में DLT का इस्तेमाल कर जमीन के मूल मालिक और transaction details पर नजर रखी जा सकती है।
- Medical records, Blood banks और medicine availability में भी DLT का उपयोग कर patient की help की जा सकती है।
- इसके अलावा Art, music, film, के ownership को secure कर piracy से भी बचा जा सकता है।
- EVM मशीन के विवादास्पर्द घटनाओं को कम करने और Election में transparency लाने में भी DLT का उपयोग कर सकते है।
Block chain and DLT : Same and differ
कई बार Block chain और DLT के नाम को एक दूसरे के स्थान पर use किया जाता है, परन्तु ये दोनों ही एक दूसरे से कितने समान है और कितने अलग है। आइये जानते है-
समानता
ये हम कह सकते है की block chain एक तरह का DLT है, परन्तु सभी DLT technology को Blockchain में इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
दोनों ही Cryptographic और Decentralized Ledger है, दोनों immutable record (अपरिवर्तनीय) बनाते जिनमे time stamp शामिल है।
सार्वजानिक तौर पर Block chain और DLT दोनों ही open टेक्निक है, जैसा की bitcoin के मामले में है, या उन्हें permission दी जा सकती है।
अंतर
सबसे बड़ा अंतर ये है की block chain में data को blocks की form में रखता है, एक सारे blocks एक दूसरे से जुड़कर chain की तरह बन जाते है, जैसा इसके नाम से ही पता चलता है।
लेकिन DLT एक Technology है, जो अलग design के सिधान्तो पर चलकर Distributed ledger बनाता है और इस टेक्नोलॉजी को अपना data storeकरने के लिए किसी भी प्रकार के blocks की आवश्यकता नहीं होती है।
Future of Distributed ledger technology- DLT का future क्या है?
क्या block chain जैसी Distributed ledger technology, क्रांति लाएगी कि Government Organization और Industries कैसे काम करते हैं, यह एक खुला प्रश्न है?
इस क्षेत्र के विशेषज्ञ DLT को एक महत्वपूर्ण तकनीक के रूप में बढ़ावा देते हैं जो न केवल मौजूदा प्रक्रियाओं में काफी सुधार कर सकती है बल्कि नए-नए Improvement को प्रेरित कर सकती है।
इसके अलावा, वे DLT को “value of internet” के हिस्से के रूप में देखते हैं, जहां world wide network में वास्तविक समय में लेनदेन होता है। दरअसल, Distributed ledger technology केवल इसलिए मौजूद है क्योंकि इसे सक्षम करने वाला इंटरनेट इतना व्यापक है।
हालांकि, आमतौर पर विशेषज्ञों का मानना है कि DLT को अपनाने से typical technology curve का पालन होगा, जिसमें कुछ नेता सामने होंगे, फिर तेजी से अनुयायी और अंत में पिछड़ जाएंगे। उन्होंने यह भी नोट किया कि संगठनों को DLT के कार्यान्वयन, विस्तार और संचालन में चुनौतियों का सामना करना पद सकता है।
और अंत में, Enterperneurs , Enterprise executive और Visionaries भी अपने network बनाने में problems face कर सकते है, यदि ये तीनो एक साथ काम करे तो DLT , ledger, और record keeping technology में क्रांति ला सकते है।
Conclusion
Distributed ledger technology को आप अब तक जान चुके होंगे, यह टेक्नोलॉजी आने वाला कल हो सकता है, DLT से आप अपने Data को secure रख सकते है,
किस तरह Banking sectors में इससे बैंक को बीच से हटाकर direct sender और receiver तक बिना किसी transaction fees और बिना ज्यादा समय लगाय कर सकते है।
इसके साथ ही आपने इस आर्टिकल की मदद से जान ही लिए होगा की किस तरह Block chain, DLT से कितना समान और अलग है।
उम्मीद करता हूँ आपको मेरी दी गए जानकारी पसंद आयी हो, कृपया कमेंट करके जरूर बताएं।
Distributed ledger technology examples in Hindi?
Blockchain, Corda, Ethereum, and Hyperledger fabric ये सभी Distributed Ledger technology के Example है।
Distributed ledger technology vs blockchain in Hindi
Blockchain में data को blocks की form में रखता है, एक सारे blocks एक दूसरे से जुड़कर chain की तरह बन जाते है, जैसा इसके नाम से ही पता चलता है।
Distributed ledger technology एक Technology है, जो अलग design के सिधान्तो पर चलकर Distributed ledger बनाता है और इस टेक्नोलॉजी को अपना data storeकरने के लिए किसी भी प्रकार के blocks की आवश्यकता नहीं होती है।
DLT meaning in Hindi
वितरित खाताबही तकनीक
DLT Full Form
Distributed ledger technology
क्या बिटकॉइन ही DLT है?
जी नहीं ! बिटकॉइन DLT हीं है, बल्कि बिटकॉइन में Block chain technology का उपयोग होता जिसमे data को कई सारे blocks के chain में रखा जाता है, Blockchain DLT का example है, DLT में data को store करने के लिए Blocks की जरूरत नहीं होती है।
Distributed Ledger technology benefits in Hindi
Data transparency और visibility से Ledger विश्वशनीय हो जायेगा
दलत एक lower operation cost है, जिसमे central authority को eliminate किया जा सकता है।
Faster transaction speed
Fraud और risk free है, जिससे cyber crime को कम किया जा सकता है।
Higher level की security प्रदान करता है।
DLT का आविष्कार किसने किया ?
1997 में, Tim may ने ‘remailers’ System पर आधारित एक प्रकार के Digital Money का प्रस्ताव रखा, जो anonymity को बनाए रखते हुए संदेशों को forward करता था। यह बिटकॉइन के समान है जो पैसे के बजाय लेनदेन को आगे बढ़ाता है।