Diwali 2023 में कब है | दिवाली 2023 के तारिक, मुहूर्त व दिन के बारे में जानिए।

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12 नवंबर 2023

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लक्ष्मी पूजा मुहूर्त Diwali 2023, नई दिल्ली 

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 

शाम 5 :40 57 से 7:36:50 तक है।

अवधि:

1 घंटे 55 मिनट 

प्रदोष काल : 

05:29:11 से 8:07:41 तक है।

वृषभ काल: 

5:40:57 से 19:36:50 तक है।

महानिशीथ काल मुहूर्त दिवाली 2023 

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 

रात्रि 11 :39 02 से 13 नबम्बर मध्यरात्रि 12:31:52 तक है।

अवधि:

 52 मिनट 

महानिशीथ काल:

रात्रि 11 :39 02 से 13 नबम्बर मध्यरात्रि 12:31:52 तक 

Diwali 2023 में कब है ! विस्तार से जानते है ?

आइये अब विस्तार से जानते है की 2023 में दिवाली कब है, व Diwali 2023 की तारिक मुहूर्त के बारे में। दिवाली ये दीपावली हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। हिन्दू धर्म में दीवाली का विशेष महत्व है। लगभग 5 दिन यानि धनतेरस से भाई दूज तक चलने वाला ये त्यौहार भारत, नेपाल समेत और दुनिया के कई देशों में मनाए जाने वाले त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

दिवाली को दीपावली या दीपों का उत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि दीपावली का मतलब है दीपो की श्रृंखला है दिवाली का त्यौहार पर अन्धकार पर प्रकाश के विजय को दर्शाता है।

दीपावली को हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध जैन सिक्ख धर्म के लोग भी मनाते हैं, जैन धर्म के लोग दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं वही सिक्ख समुदाय के लोग बंदी छोड़ दिवस के तौर पर इस अवसर को मनाते जाते हैं।

 दिवाली कब मनाई जाती है?

कार्तिक मास के अमावस्या के दिन दिवाली को मनाया जाता है, दीपावली पर महालक्ष्मी पूजा धन  सुख शांति और संतान की प्राप्ति के लिए की जाती हैं.लक्ष्मी पूजा का मुख्य समय प्रदोष काल के समय एक ही जाती है। इसके साथ ही गणेश भगवान और धन के देवता कुबेर और विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

 दिवाली क्यों मनाई जाती है?

भारत में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से काफी ज्यादा महत्व माना जाता है, इसे दीपोत्सव भी  कहा जाता है।

लोगो का मानना हैं, कि दीपावली के दिन भवन श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्या वासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा राम के वापस लौटने पर प्रसन्नता से झूम उठा था। इसलिए अयोध्यावासियो ने पूरे नगर में दिए जलाकर उनका स्वागत किया था।

दिवाली आने से  1 सप्ताह पूर्व लोग अपने घरो, दुकानों, ऑफिस और कारोबार संबधी जगह की साफ-सफाई में जुट जाते हैं, इसके साथ ही लोग अपने घरों की मरम्मत रंग, सफेदी पेंट का कार्य भी करवाने लगते हैं ताकि लोग उनके घरों में आने पर खुश और स्वच्छ महसूस करें।

पूरे बाजार और गलियों में रगबिरंगी लाइट, झंडियों और पटाको से से सजाते है, इसके साथ ही बाजार में तरह तरह के सामान बिकने लगते है ।

दीपावली के दिन नेपाल, भारत, श्रीलंका, मॉरिशस, गुआना, त्रिनिदाद, टोबैगो,  मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बाहरी सीमा पर सरकारी अवकाश भी होता है।

दिवाली 2023 में लक्ष्मी पूजा कब करें ?

देवी लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्त) में किया जाता है प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन का समय सर्वोत्तम माना जाता है, इस दौरान जब वृषभ राशि, वृश्चिक और कुंभ राशि लग्न में उदित हो माता लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए क्योंकि यह चारों राशि स्थिर स्वभाव की होती है, मान्यता है कि अगर स्थिर लग्न के समय पूजा की जाए तो माता लक्ष्मी अंश के रूप में घर में ठहर जाती है

इसके साथ ही महानिशिथ काल के दौरान भी पूजन का महत्व होता है, मगर यह  समय सिर्फ तांत्रिक पंडित और साधकों के लिए उपयुक्त होता है, इस काल में मां काली की पूजा का विधान है, इसके अलावा वे लोग भी इस समय में पूजा कर सकते हैं जो महानिशिथ काल के बारे में समझ रखते हैं।

 दिवाली 2023 पर लक्ष्मी पूजन की विधि ?

 दिवाली में लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है, इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है।

पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की काली अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भू-लोक पर आती है और हर घर में विचरण करती है इस दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशमान होता है वहां अंश के रूप में ठहर जाती है।

इसलिए दिवाली पर साफ सफाई करना और सच्चे पवित्र हृदय से विधि विधान पूजन करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर पूजा की भी की जाती है पूजा के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

 दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ सफाई करें और पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें साथ ही घर के द्वार पर रंगोली बनाकर दिए जलाये। 

पूजा स्थल पर एक चौकी रखे और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रख दें या दीवार पर फोटो या चित्र लगाएं चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखे 

 माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं दीपक जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित कर माता महालक्ष्मी, देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देवी की भी विधि विधान पूरी पूजा करें

महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी बही-खाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार जरूरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें।

दीवाली पर क्या करना चाहिए ?

  1. दिवाली के दिन प्रात:काल शरीर पर तेल की मालिश के बाद स्नान करना चाहिए मान्यता यह है कि इससे धन की हानि नहीं होती है। 
  2. दिवाली के दिन घर के वृद्धजन, बच्चों गर्भवती महिलाओ और बीमार लोगो को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को भोजन नहीं कराना चाहिए कोशिश करें की शाम को महालक्ष्मी पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
  3. दिवाली पर पूर्वजों का पूजन करें धूप वह भोग अर्पित करें प्रदोष काल के समय हाथ में उल्का धारण कर चित्रों का मार्ग दिखाएं यहां उल्का से तात्पर्य दीपक के अलावा अन्य माध्यम से अग्नि की रोशनी से पितरों को मार्गदर्शन दिखाएं ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  4. दिवाली से पहले मध्य रात्रि को लोकगीत, भजन और संगीत जाना चाहिए, कहा जाता है ! ऐसा करने से घर में व्याप्त दरिद्रता दूर हो जाती है।

दिवाली की कहानी ?

 हिंदू धर्म में हर त्यौहार और धार्मिक मान्यता के पीछे कोई ना कोई कहानी जरूरी होती है, दिवाली को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण और पौराणिक कथाएं है।

  1. जैसा कि लोग जानते हैं, दिवाली के दिन भगवान राम चंद्र जी 14 वर्ष का वनवास काटकर और लंकापति रावण का विनाश करके अयोध्या लौटे थे, इस दिन भगवान श्री रामचंद्र के अयोध्या आगमन की खुशी पर लोगों ने दीए जलाकर उत्सव मनाया था तभी से दिवाली की शुरुआत हुई।
  2. दूसरी कहानी के अनुसार नरकासुर नाम का एक राक्षस अपनी मायावी शक्तियों से देवताओं और साधुओं को बहुत परेशान करता था इस राक्षस में साधुओं की 16000 स्त्रियों को बंदी बना लिया था नरकासुर के बढ़ते अत्याचार से परेशान देवता और साधु-संतों ने भगवान श्रीकृष्ण से मदद की गुहार लगाई इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध कर देवता व संतो को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी साथी बंदी बनाई हुई 16000 स्त्रियों को भी नरकासुर की कैद से मुक्त कराया इसी खुशी में दूसरे दिन यानी कार्तिक मास की अमावस्या को लोगों ने स्त्रियों के आगमन पर घरों में दिए जाएं तब से हर नरक चतुर्दशी और दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
  3. इसके अलावा कुछ कहानियां यह भी है, कि भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक का स्वामी बनाया था और इंद्र ने स्वर्ग को सुरक्षित पाकर खुशी से दिवाली मनाई।
  4. इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान क्षीरसागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई और उन्हें भगवान विष्णु को पति के रूप में स्वीकार किया गया 

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आपने क्या सीखा 

दिवाली का त्यौहार सिर्फ घरो कि साफ़ सफाई दिया जलाना पूजा ही नहीं है, इस त्यौहार का मुख्य मकसद लोगो को एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या, लालच, द्वेष, और मन में बैसे सभी अन्धकार को जलाना है। इसके साथ ही आपस में प्रेम भाव, भाई चारा , एक दूसरे की सुख दुःख में मदद करना दिवाली का महत्व है। 

साथ ही ज्योतिष शास्त्र के महत्त्व के अनुसार दिवाली किसी भी कार्य के सुभारम्भ और किसी भी नई वस्तु के को खरीदने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। दरअसल दिवाली के आस पास सूर्य और चन्द्रमा तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में स्थित होते है। वैदिक शस्त्र के अनुसार सूर्य और चन्द्रमा की यह स्थिति सुबह और उत्तम फल देने वाली मानी जाती है। 

इस आर्टिकल के जरिये आपने जाना की दीपावली के त्यौहार किस तरह से हिन्दू धर्म के लोगो के महत्पूर्ण है, साथ ही अग्नि वर्ष Diwali 2023 के तारिक, मुहूर्त समय के बारे में विस्तार से जान चुके होंगे।

उम्मीद करता हूँ। आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी।

Diwali 2023 से जुड़े कुछ प्रश्न

 दिवाली 2023 में कब है ?

12 नवंबर 2023

दिवाली 2023 किस महीने में है ?

दिवाली 2023 नवंबर के महीने में है।

2023 में दीपावली 12 नवंबर को कौन सा दिन है ?

रविवार (Sunday)

12 नवंबर को कौन सा दिन है ?

12 नवंबर को रविवार (Sunday) है। इस दिन दिवाली है।

Diwali Puja time का समय कब है।

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 

शाम 5 :40 57 से 7:36:50 तक है।

अवधि:

1 घंटे 55 मिनट 

प्रदोष काल : 

05:29:11 से 8:07:41 तक है।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?

दिवाली में घरो की अच्छे से साफ़ सफाई कर पूरे धरो में दिए जलाकर रंग बिरंगी लाइट, झंडियां, स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयां  बनाकर  नए कपड़े पहनकर अपने सगे सम्बन्धियों के साथ मिलकर दिवाली मनाई जाती है। 

दिवाली के दिन क्या करना चाहिए ?

दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की सच्चे मन पूजा करनी चाहिए अपने प्रियजनों के साथ मिलकर बहुत ही धूम-धाम से दिवाली मनानी चाहिए।

दिवाली के दिन क्या नहीं  करना चाहिए?

दिवाली के दिन छोटे बच्चो को अत्यधिक विस्फोटक पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए त्यौहार के नाम पर लोगो को शराब, जुआ मांस-मच्छी से  दूर रहना चाहिए।

दिवाली के दिन कौन सा जीव देखना चाहिए ?

कहा जाता है की दिवाली के दिन बिल्ली, छिपकली, उल्लू, छुछुंदर, दिखना बेहद सुबह माना जाता है।

भारत में दिवाली कब है ?

भारत में दिवाली 12 नवंबर 2023 को है ?

बिहार में दीपावली कब है 2023

12 नवंबर 2023 रविवार (Sunday)

उड़ीसा में दीपावली कब है 2023

12 नवंबर 2023 रविवार (Sunday)

कलकत्ता में दीपावली कब है 2023

12 नवंबर 2023 रविवार (Sunday)

नेपाल में दीपावली कब है 2023

12 नवंबर 2023 रविवार (Sunday)

छत्तीसगढ़ में दीपावली कब है 2023

12 नवंबर 2023 रविवार (Sunday)

श्रीलंका में दीपावली कब है 2023

12 नवंबर 2023 रविवार (Sunday)

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