Internet kya hai -काम कैसे करता है, इतिहास, खोज, फायदे, नुक्सान,
इंटरनेट, जिसे कभी-कभी केवल “नेट” कहा जाता है, जो पूरे संसार के कम्प्यूटर नेटवर्क को जोड़ने की प्रणाली है – जिसमें user किसी एक Device से , दूसरे device तक जानकारी का आदान प्रदान कर सकते हैं। आज से 40 साल पहले लोगो internet Kya Hai इसका पता भी नहीं होता था।
परन्तु आज के समय में इंटरनेट के बिना जीना नामुमकिन सा हो गया है। Smartphone के revolution से हर किसी के हाथ में इंटरनेट आ गया है जिससे लोग जब मन चाहे दुनिया से जुड़ सकते है, आइये इस आर्टिकल की मदद से जानते है की इंटरनेट क्या है और ये कैसे काम करता है।
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Internet kya hai – what is internet in Hindi
इंटरनेट एक Global , worldwide (विश्व्यापी) नेटवर्क है, जिसमे लोग किसी Electronic device(Computer, Laptop, Smartphone, टेबलेट, पाल्म्टॉप,) से किसी भी प्रकार की जानकरी को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर भेजना इंटरनेट कहलाता है।
ये internet पूरे विश्व में एक माया जाल की तरह बिछा हुआ है, जिसमे जो चाहे वो दुनिया के एक छोर से दूर छोर तक आसानी से अपना message भेज सकता है,और तो और देख कर बात भी कर सकता है, Internet से पहले किसी ने कल्पना भी की होगी की ऐसा भी कभी हो सकता है।
आज लोग इंटनेट से Shopping, Entertainment, Education, Communication, Online booking जैसे काम चुटकियों में कर लेते है। ये सारा कार्य internet server उनके network के अधीन कार्य करता है।
जहां कई क्षेत्र में Internet जैसे सुविधा ने लोगो की जिंदगी को आसान कर दिया है, वही कई लोगो में इसके गलत प्रभाव जैसे Adult content, fraud और cyber crime जैसी घटनाये भी बढ़ चुकी है, तो आइये जानते है internet के सारे पहलुओं को history से अब तक।
इंटरनेट का इतिहास-Internet history in Hindi
Internet की शुरुआत 1969 में American government के Advance research Project Agency(ARPA) द्वारा की गयी थी। पहले इसका नाम ARPANET रखा गया गया था। इंटरनेट को बनाने का मेन लक्ष्य एक ऐसा नेटवर्क बनाने का था जिससे वहां की Research University के एक कंप्यूटर से दूसरे Research University के कंप्यूटर में आसानी बात हो सके।
ARPANET- के इस design से फायदा यह था की वह इस नेटवर्क को एक जगह से दुरी जगह रुट या रीरूट यानि redirection भी किया जा सकता था, किसी भी Natural disaster और Army attack भले ही इसके कुछ हिस्से नष्ट हो गए हो।
दोस्तों यदि आप इस जानकारी को पढ़ रहे होंगे तो इसका मतलब आप इसे इंटरनेट से जुड़े हुए है, आप में ज्यादा लोग सोच रहे होंगे की इंटरनेट तो wireless या Satellite की मदद से चलता होगा जिस तरह हमारा टेलेविज़न चलता है, पर ऐसा नहीं है तो आइये जानते है आखिर इंटरने काम कैसे करता है ?
इंटेरनेट की खोज किसने की
इंटरनेट की खोज किसी एक इंसान ने नहीं की है, सं 1950 में अमेरिका और सोवियत रूस के cold war में कई अमेरिकी सेनानियों को संपर्क न मिलने से अपना रास्ता भटक गए और उन्हें रूस ने बंदी बना लिया।
अमेरिका द्वारा अपने कई सेनानियों को खोने के बाद ,अमेरिकी सेना ने पेंटागन में रक्षा विभाग के scientist द्वारा 1957 में अमेरिका में Advanced research projects agency (ARPA) को बनाया।
इनका मुख्या उद्देश्य एक ऐसी technology को बनाना था, जिससे दुनिया के सभी कम्पूटरो को एक साथ जोड़ा जा सके, इसके बाद सन 1969 में ARPA का नाम बदल कर ARPANET कर दिया गया। जिन्होंने कई सारे कंप्यूटर नेटवर्क को एक साथ जोड़ दिया था।
1980 में अमेरिकन computer scientist Vint cerf और Bob kahn ने सबसे पहले TCP/IP को develop किया जिसमे Data को network के सहारे एक जगह से दूसरी जगह पर भेज सकते थे, जिसने ARPANET को Internet में बदल दिया, Vint Cerf ने ही “Internet” Word का इतेमाल किया था।
पूरी जाकारी के लिए बने रहिये आर्टिकल पर और पढ़ते रहिये internet kya hai
इंटरनेट कैसे काम करता है-How internet works?
Internet के मुख्य रूप से दो पार्ट में बात सकते है,
Physically हम बात करे तो, इंटरनेट भी telecommunication का ही एक हिस्सा है, technical तौर पर जो इंटनेट को अलग करता है, वो इसका नेटवर्क ट्रांसमिशन जिसे TCP/IP नामक प्रोटोकॉल कहा जाता है, जो intranet और extranet के अधीन काम करता है।
- नेटवर्क प्रोटोकॉल(TCP/IP)
- हार्डवेयर
Network Protocol :-बिना hardware या electronic device के संभव नहीं है, Transmission के दौरान नेटवर्क protocol जैसे TCP/IP Message को एक Device से दूसरे device तक पहुंचाने में मदद करते है,
ये Protocol alphabetical text को electronic signal में internet पर transmit कर दुबारा यूजर तक alphabetical signal में बदल देता है।
Hardware:- हार्डवेयर के अंर्गत Computer , server , Wi-Fi router, satellites radio, cell phone tower, optic fiber cable, और Servers तक सब कुछ शामिल होता है। इन hardware को endpoint भी कह सकते है,
जिनके अंतर्गत information store करने वाले machine servers है। जिससे Data का आदान-प्रदान करने वाली transmission line जैसे की wireless Satellite signals , 4G , Cell phones towers wired signal cables, Optic fibers से connection होता है।
जब एक message किसी hardware से internet पर भेजा जाता है तब उस मैसेज का IP address और port नंबर alphanumeric text के रूप में Electronic signal में OSI model के परतो के माध्यम से एक application layer और physical layer के Eletronic waves पर travel करता हुआ।
वो message आप तक internet service provider द्वारा router के through आपके destination address पर भेज दिया जाता है, और अंत में OSI model के through मैसेज Receiver end तक तक रररोत होकर इदप एड्रेस और रुट नंबर हटाकर न्य IP address बनकर दुबारा से alphanumeric text में आप तक पहुंच जाता है। इस तरह से पूरा इंटरनेट काम करता है।
इंटरनेट हमारे घर तक कैसे पहुंचता है ?
इंटनेट आपके घर तक तीन कंपनियों से होकर गुजरती है है, Tier 1, Tier 2, और Tier 3 कंपनी पूरी दुनिया में 90% internet Optics fiber cables पर चलता है।
ये optic fiber जमीन के अंदर से लेकर समुद्र में बिछी होती है, इसलिए इन्हे सबमरीन केबल भी कहते है। ये optic fibers आपके घर के निकटतम internet tower तक जुड़े होते है, उसके बाद इन टावर से आपके घरो तक इन्ही optic fiber cables और Cellular Network के through पहुंचाया जाता है।
Tier 1 :- ये वो companies है, जो optics fibers को जमीन के अंदर और समुद्र में बिछा कर रखती है।
Tier 2 :- Tier 2 में ज्यादातर टेलीकॉम कम्पनीज आती है, जिनका डायरेक्ट कांटेक्ट टियर 1 कम्पनीज से होता है। जैसे BSNL , JIO , Airtel , VI इत्यादि ।
Tier 3 :- Tier 3 में लोकल और छोटी companies आती है, जो आस पास के घरो में इंटरनेट की सुविधा प्रदान करते है।
मोबाइल में इंटरनेट कैसे चलता है?
मोबाइल में इंटरनेट दो तरीके से चलता है।
- WI-FI
- Cellular data
Wi-Fi द्वारा इंटरनेट चलने की विधि simple है, आपके आस पास कोई भी internet router की मदद से आप तक पहुँचती है। और उसे आप अपने फ़ोन में access कर लेते है।
Cellular Data से internet चलाने के लिए आपके मोबाइल फ़ोन में लगे inbuilt antenna निकटतम Sim कंपनी के नेटवर्क टावर तक पहुंचते है, और सिम कंपनी या तो खुद internet service provider होते है, या किसी अन्य ISP से optic fiber के through आप तक cell antenna transmission के जरिये mobile में internet की सुविधा प्रदान करते है।
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इंटरनेट को कितने प्रकार से कनेक्ट किया जाता है ? Types of Internet connection in Hindi
इंटनेट को कई माध्यम से कनेक्शन किया जा सकता है-
Optic fibre
ये वो connection है जिसमे की Optic fibre का इस्तेमाल करके fast इंटरनेट का लुत्फ़ उठा सकते है, optic fibre में internet केबल में electronic waves travel करती है जिससे iska कनक्शन fluctuate नहीं होता है, और साथ ही इसमें डाटा स्पीड 2 Gbps तक आती है। यदि आप घर के purpose से इस्तेमाल करे तो आपको 100 mbps में ही HD videos और work में कोई दिक्कत नहीं होगी।
Satellite Connectivity
Satellite connection का इस्तेमाल ज्यादातर सैन्य विभागों द्वारा संचलित किया जाता है, क्योकि ये हमारे सुरक्षा प्रणालियों के लिए बनाई गयी है। इसकी स्पीड 2 एमबीपीएस तक रखी जाती है, परन्तु सैन्य उपकरण के लिए satellite को खुफियां तरीको और अलग modem के जरिये connect किया जाता है।
Copper cable
इस तरह का cable कनेक्शन ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, Optic fibre के इस्तेमाल से इनको ज्यादा उपयोग किया जाता था, यह bandwidth पर चलता है, इनमे connection lost होने के chances ज्यादा होते है, और तो और मौसम में खराबी होने पर इनमे speed की भी कम आने लगती है।
Wireless
जिस connection को करने के लिए किसी भी प्रकार के wire या cable की जरुरत न हो उसे wireless connection कहते है। इसे यूजर अपने device में Wi-Fi router के माध्यम से इंटरनेट चलाते है, इसका bandwith फिक्स distance की रेंज में काम करता है। आज के समय में ऑफिस और घर में wi-fi राऊटर का इस्तेमाल करते है।
DSL Connection Line
DSL यानि Digital subscriber line टेलीफोन लाइन और एक मॉडेम के माध्यम से इंटरनेट चलाने की प्रक्रिया है। ये ज्यादातर घरो और कार्यालयों में होता है । जो एक हार्डवेयर से इंटनेट, computer, wireless router, smart टीवी, तथा अन्य डिवाइस भी उसे किये जाते है।
इंटरनेट से जुड़े कुछ टर्म्स -Internet related terms in Hindi
WWW -world wide web क्या है?
www को ही world wide web या web कहा जाता है, ये internet Server में stored websites के web pages का डाटा है जो इंटरनेट के माध्यम से स्थानीय कंप्यूटर से जुड़ा होता है। इन websites में Text, images, audio या video Content होते है।
Users अपने Computer , laptop , Smartphone आदि जैसे अपने उपकरणों का उपयोग करके इंटरनेट पर दुनिया के किसी भी हिस्से से इन Websites के Content तक पहुंच सकते हैं। ये Web कई सारे programming language और HTML के साथ साथ Hypertext Protocol से भी जुड़े होते है।
HTTP
HTTP-hypertext transfer protocol वेब पर Text, Images, sound, video और अन्य मल्टीमीडिया फाइल्स को ट्रांसफर करने के लिए नियमो को bunch है।
जैसे ही कोई user अपना Web Browser ओपन करता है , तो वो indirectly HTTP का उपयोग कर रहे हैं। HTTP एक application protocol है जो protocol के TCP/IP Suite के Form में चलता है,
जो इंटरनेट की नींव बनाता है। HTTP का latest version HTTP/2 है, जो मई 2015 में launch हुआ था। यह अपने previous version, HTTP 1.1 का एक Option है।
TELNET
Telnet एक network protocol है, जिसका उपयोग computer को virtual रूप से access करके दो तरफा communication चैनल शुरू करना जिसके द्वारा आप text का आदान प्रदान कर सके।
जब एक कंप्यूटर जो Connection शुरू करता है, उसे Local कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है। और जिसे connect किया जा रहा है यानी जो connection को स्वीकार करता है remote computer के रूप में जाना जाता है।
जब connection हो जाता है तब Telnet opertion के दौरान जो कुछ भी remore कंप्यूटर पर किया जा रहा है वह local कंप्यूटर द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा। telnet क्लाइंट/सर्वर सिद्धांत पर काम करता है। local कंप्यूटर टेलनेट क्लाइंट प्रोग्राम का उपयोग करता है और remote कंप्यूटर टेलनेट server प्रोग्राम का उपयोग करता है
FTP- File transfer protocol
FTP (File transfer protocol) Transmission Control protocol/Internet protocol (TCP/IP) connection पर Computers के बीच Files को transmit करने के लिए एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है। (TCP/IP) Suite के भीतर, FTP को एक application layer protocol माना जाता है।
FTP Transaction में, end user के कंप्यूटर को आमतौर पर local host कहा जाता है। FTP में शामिल दूसरा कंप्यूटर एक Remote host है, जो आमतौर पर एक server होता है।
FTP के माध्यम से फ़ाइलों को Run करने के लिए दोनों कंप्यूटरों को एक नेटवर्क के माध्यम से कनेक्ट करने और ठीक से Configure करने की आवश्यकता है।
इन FTP सेवाओं को चलाने के लिए सर्वरों को स्थापित किया जाना चाहिए, और Client के पास इन सेवाओं तक पहुँचने के लिए FTP Software स्थापित होना चाहिए।
TCP/IP
TCP/IP का अर्थ ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल है, और यह Communication protocol का एक suite है जिसका उपयोग इंटरनेट पर नेटवर्क Devices को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। TCP/IP का उपयोग एक निजी कंप्यूटर नेटवर्क (एक इंट्रानेट या एक्स्ट्रानेट) में संचार प्रोटोकॉल के रूप में भी किया जाता है।
पूरा IP suite – Rulesऔर Procedures का एक सेट – आमतौर पर TCP/IP दो प्रोटोकॉल है, TCP और IP,
TCP/IP प्रोटोकॉल Suite इंटरनेट Function , Rooting और switching fabric के बीच एक abstraction layer के रूप में कार्य करता है।
Extranet और Intranet
Intranet:- यह एक तरह का private नेटवर्क है, जो PTS (public Telecommunication system) और इंटरनेट का use करके अपने बिज़नेस के इनफार्मेशन को सिक्योर तरिके वेंडर्स, सप्लायर, कस्टमर्स और पार्टनर्स के व्यवसायों के साथ शेयर करने में मदद करता है।
Extranet:- ये intranet का ही एक part है, जो की हमे third party user को data share करने की सुविधा प्रदान करता है। जैसे यदि आपके organization की एक से ज्यादा branch होती है।और आप चाहते है की एक ही information को सभी branch में available हो इसके लिए आप extranet का उपयोग कर सकते है।
E-mail का उपयोग मसाज को सेंड को और रिसीव करने करने के लुए होता है। E-mail की फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक मेल है। इंटरनेट के मेल सर्वर में डोमेन कनेक्ट होता है, जो निजी कम्पनिया खुद अपने कंपनी के नाम पर रजिस्टर करती है। gmail.com, yahoomail.com, hotmail.com इत्यादि।
आज के समय में E-mail को documents transfer, Professional communication जैसी सुविधाओं के लिए ज्यादातर उसे किया जाता है।
पूरी जाकारी के लिए बने रहिये आर्टिकल पर और पढ़ते रहिये internet kya hai
Benefits of internet इंटरनेट के फायदे
इंटरनेट के कई फायदे है-
Online education
covid काल में तो सब ने देख ही लिए है की इंटरनेट के जरिये स्कूल कॉलेज और सारे एजुकेशन सेण्टर बंद होने के बाद नहीं इंटरनेट के माध्यम से लोगो की edcuation में किसी भी प्रकार की कोई रूकावट नहीं आयी थी । इसके साथ ही आप internet का इस्तेमाल करके अपनी पढ़ाई आराम से घर बैठे कर सकते है।
JOB करना
आज के समय में लोगो का ज्यादातर काम इंटनेट के माध्यम से ही चलता है, बड़ी से बड़ी governmet हो या private सेक्टर सब के सब internet के माध्यम से लोगो अपनी job को बड़ी ही आसानी कर सकते है।
Online shopping
किसी भी प्रकार की शॉपिंग हो चाहे वो कपडे, घरेलू सामन, टेक्नोलॉजी गैजेट्स, घड़ी, जूते, बर्तन, इत्यादि चुटकी बजाते ही e-commerce website Amazon , flipkart, से आराम से मंगा सकते है।
Freelancing work
यदि आप के अंदर किसी भी प्रकार की computer skills आती हो तो उसका इस्तेमाल कर काम कर सकते है, इसके लिए आपको किसी भी boss की जरुरत नहीं पड़ेगी , कई website जैसे freelancer , fiverr और upwork जहां आप अपने skills कर काम ले सकते है।
यही नहीं यदि आप को computer पर कोई स्किल नहीं आती हो तब urban clap पर भी अपना अकाउंट बना कर काम कर सकते है।
Advertising
यदि आप किसी भी प्रकार का buisness या indusry में अपने कारोबार को बढ़ाना चाहते है, तो सोशल मीडिया और जैसे प्लेटफार्म पर ads दिखा कर अपने बिज़नेस को grow कर सकते है।
Banking
Banking सेक्टर में internet के आ जाने से बहुत फायदा हुआ लोगो को अब पैसो की transaction करने के लिए लम्बी लम्बी लाइनों में नहीं लगना पड़ता है। लोग अपने पैसे को कही से भी आसानी से भेज सकते है।
Entertainment
इस industry में internet के आ जाने तो तहलका सा ही मच गया है, bollywood हो या hollywood इंटरनेट के माध्यम से gaane sunna , movie देखना, game khelna बहुत ज्यादा ही पसंद करते है, ये कह सकते है की इंटरनेट से लोगो का मन हमेशा लगा रहता है।
इंटरनेट के नुकसान -Intenet side-effects
Internet जहां लोगो के लिए फायदेमंद है वहीं कई लोग इसका दुरूपयोग कर नुक्सान भी भी है रहे है।
समय बर्बाद करना
आमतौर पर लोग आज के समय में इंटनेट पर अपना समय बर्बाद ही करते है, social media पर video shorts game खलेना देखना बिना मतलब के किसी न किसी से time pass करना समय की बर्बादी ही तो है।
internet का दुरूपयोग
इंटरनेट के अधिकता adult content और पोर्न वीडियो जैसे सामग्री का ज्यादा बढ़ chuki है। young बच्चे को इनकी आदत लग जाती है जिससे उनके carrier और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
Cyber crime बढ़ना
इंटरनेट पर की जाने वाली धोखाधड़ी जैसे किसी के bank account से पैसे निकालना , phone hacking , Blackmailing , Personal data की चोरी ये सारे काम cyber crime के अंदर आते है। जब से इंटरनेट पर यूजर बढ़ गए है तब से ये cyber crime भी बढ़ गया है।
Costly
इंटरनेट use करना सभी के लिए एक आदत बन चुकी है और इस आदत के बिना लोगो को रहा नहीं जाता है इसलिए internet के लिए पैस देते है, और जो एक अलग खर्चा आपके दैनिक जीवन में आ गया है।
स्वास्थ्य खराब होना
इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से लोग घंटो laptop , computer या phone screen को देखते रहते है, ये सारे electronic device blue light यानि ultravoilet rays को radiate करते इससे आँखों की कई बीमारियां भी होने लगती है, इसके साथ ही मानसिक बीमारियां होने का भी खतरा रहता है।
आप इस वीडियो की मदद से भी इंटरनेट के बारे में जान सकते है।
Conclusion
इस article के माध्यम से आप Internet की सारी जानकारी प्राप्त कर सकते है, इंटरनेट ने दुनिया को जिस तरह एक साथ जोड़ दिया है, आज हम घर बैठे दुनिया की सारी जानकारी अपने मोबाइल और कंप्यूटर के जरिये जान सकते है।
Block chain technology Kya Hai
तो कैसा लगा आपको हमारा ये article कमेंट करके जरूर बताये और किसी भी तरह सलाह या जानकारी देना चाहते है तो भी आप हमे Comment कर सकते है।
भारत में इंटरनेट सबसे पहले शुरू कब हुआ ?
15 अगस्त 1995 को पहली बार भारत में VSNL- videsh sanchaar nigam limited द्वारा government कार्य के लिए लाया गया था, उसके बाद 1998 में इसे license धारक private operators के लिए शुरू कर दिया गया था।
Internet kya hai ?
इंटरनेट एक Global , worldwide (विश्व्यापी) नेटवर्क है, जिसमे लोग किसी Electronic device(Computer, Laptop, Smartphone, टेबलेट, पाल्म्टॉप,) से किसी भी प्रकार की जानकरी को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर भेजना इंटरनेट कहलाता है।
Internet full form
Interconnected network
www क्या है?
www को ही world wide web या web कहा जाता है, ये internet Server में stored websites के web pages का डाटा है जो इंटरनेट के माध्यम से स्थानीय कंप्यूटर से जुड़ा होता है। इन websites में Text, images, audio या video Content होते है।
इंटरनेट का उपयोग क्या है
Banking
online education
Entertainment
News देखना
Job ढूढ़ना
Video कॉल पे बात करना
Social media
Game खेलना
Bill payment
Online shopping
Security & safety
इंटरनेट स्पीड कैसे चेक करे
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